नाटक-एकाँकी >> बापू कैद में बापू कैद मेंराजेन्द्र त्यागी
|
2 पाठकों को प्रिय 365 पाठक हैं |
यह व्यंग्य-नाटक विशेष रूप से राजनीति में बापू के नाम के दुरुपयोग और उनके आदर्श व सिद्धांतों के दोहन पर आधारित है।
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: common
Filename: books/book_info.php
Line Number: 553
|